Tuesday, March 3, 2020

शादी की वो शर्त....


जनवरी का महीना था, शादी का माहौल था
7,17,27 तारीखे कुछ बेमिसाल रही
जोड़ीया  भी कुछ ईश्वर ने शानदार बनायी
बेहतर इनके परिणाम रहे
कुछ के आये थे , कुछ के आने वाले थे
ऐसे में मुझे भी ख्याल आया
मैं भी बैठू शादी के मंडप में
अग्नि कुंड सामने था, मैं थी सुंदर लहगे में
दूल्हा भी कमाल लग रहा था
वही अग्नि की लपटों को गहराई से देखा तो एक विचार आया
शादी तो मैं कर लूँ, पर बच्चे को क्यू जन्मू
क्यू लाऊ बच्चे को ऐसे संसार में जहा प्रदूषण का उच्च स्तर हो
जहा शुद्ध हवा भी बिकती हो, जहा हर जगह मारा मारी हो
जहाँ करोड़ों बच्चों का न्यूट्रिशन का किसी को ख्याल ना हो
और ऐसी दूषित धरती पर अपना बच्चा और add karu
फिर अग्नि की लपटों को और गहराई से देखा 😉
फिर मैंने बगल में बैठे दूल्हे के सामने एक प्रस्ताव रखा
क्यो ना गोद ले एक बच्चे को, क्योकि मेरा gene कुछ खास नहीं
ऐसा सुन कर दूल्हा भागा मंडप को chhod
Block किया उसने मुझे whatsapp, FB पर, फिर मिला 4 महीने बाद
सामने वो था और सामने उसकी पत्नी, तभी उसने कहा
क्या कहा hello meet my wife she is 3 months pregnant
क्योकि दोस्तो उसका gene कुछ खास था 😉

5 comments:

  1. वाह, बहुत खूबसूरत... कुछ नया पढ़ने को मिला... यूँ ही लोखते रहो... ब्लॉग में आपका स्वागत है। 😊😊

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  2. आपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी......आपको फॉलो कर रहा हूँ |

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